MP Board 2022 : Class 12th physics chapter 2 question bank solution
Class 12th physics chapter - 1 - Click
चैप्टर - 2 विद्युत धारा तथा विभव
- b
- a
- a
- c
- c
- b
रिक्त स्थान 1. 9*10"192. वोल्ट
MOCK टेस्ट
एक वाक्य में उत्तर दीजिये -
1. समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ाने से उसकी धारिता पर क्या प्रभाव होगा?
बढ़ती है
2. समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की वायु के स्थान पर कागज भरने से उसकी धारिता पर क्या प्रभाव होगा?
C अनुक्रमानुपति k
3. इलेक्ट्रॉन-वोल्ट किसका मात्रक है?
उर्जा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न(2 अंक)
1. समविभव पृष्ठ किसे कहते है?
किसी विद्युत क्षेत्र में समान विभव के बिंदुओं को मिलाने वाले काल्पनिक पृष्ठ को समविभव पृष्ठ कहते हैं। अर्थात सम विभव पृष्ठ के किन्ही दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर शून्य होता है।
2. समविभव पृष्ठ की विशेषताएं लिखिए।
समविभव पृष्ठ को विद्युत क्षेत्र रेखाएं सदैव लंबवत काटती है।
यदि किसी आवेश को एक सम विभव पृष्ठ से किसी अन्य सम विभव पृष्ठ पर ले जाते हैं, तो कुछ कार्य करना पड़ता है जो उन दोनों प्रष्टो के साथ विभवांतर पर निर्भर करता है।
किसी सम विभव पृष्ठ पर किसी आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक चलाने में कुछ भी कार्य नहीं करना पड़ता है, क्योंकि दोनों बिंदुओं पर विभव समान होता है या विभवांतर शून्य होता है।
3. 2pF, 3pF और 4pF धारिता वाले तीन संधारित्र समान्तर क्रम) पार्श्वक्रम (में जोड़े गये हैं, संयोजन की कुल धारिता क्या होगी?
दिया हैं, C1=2pF,C2=3pFC1=2pF,C2=3pF तथा C3=4pFC3=4pF
(a) संयोजन के समांतर क्रम में कुल धारिता,
Cp=C1+C2+C3=2+3+4=9Cp=C1+C2+C3=2+3+4=9 pF
(b) माना संधारित्र C1,C2C1,C2 or C3C3 पर क्रमश: q1,q2q1,q2 व q3q3 आवेश हैं तथा प्रत्येक पर समान विभवांतर अर्थात 100 V हैं।
C1C1 पर आवेश (q1)=C1V=2×100=200pC(q1)=C1V=2×100=200pC
C2C2 पर आवेश (q2)=C2V=3×100=300pC(q2)=C2V=3×100=300pC
C3C3 पर आवेश (q3)=C3V=4×100=400pC
4. किसी चालक की धारिता को कौन.कौन से कारक प्रभावित करते है?
किसी चालक की धारिता पर निम्नलिखित कारकों का प्रभाव पडता है। -
(i) चालक का आकार - किसी चालक का आकार बढाने पर उसका विभव घटता है फलत धारिता बढती है।
(ii) किसी के पास अन्य चालको की उपस्थिति – आवेशित चालक के पास अन्य चालकों की उपस्थिति से उसका विभव घटता है। फलत उसकी धारिता बढ जाती है।
(iii) चालक के आस – पास का माध्यम – यदि चालक के आस – पास माध्यम वायु हो तथा चालक की धारिता C हो तो चालक के आस – पास K परावैघुतक का माध्यम होने पर धारिता k गुनी अर्थात kc हो जाती है।
1. दो आवेशित चालकों की धारिताएं क्रमशः C व C2 तथा विभव क्रमशः V1 व V2 हैं। इन चालकों को तार द्वारा जोड़ दिया जाता है। उन पर आवेश, उनका उभयनिष्ठ विभव तथा संयोजन में ऊर्जा हानि की गणना कीजिए।
2. किसी ऐसे समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए सूत्र ज्ञात कीजिए जिसकी प्लेटों के बीच आंशिक रूप से परावैद्युत माध्यम तथा आंशिक रूप से वायु हो।
3. सिद्ध कीजिए कि दो आवेशित चालकों को आपस में जोड़ने पर उनमें आवेशों का वितरण उनकी धारिताओं के अनुपात में होता है।
4. समान्तर क्रम/श्रेणीक्रम में जुड़े संधारित्रों की तुल्य धारिता के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए। संयोजन का चित्र बनाइये।
एक वाक्य में उत्तर दीजिये -
1. समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी बढ़ाने से उसकी धारिता पर क्या प्रभाव होगा?
बढ़ती है
2. समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की वायु के स्थान पर कागज भरने से उसकी धारिता पर क्या प्रभाव होगा?
C अनुक्रमानुपति k
3. इलेक्ट्रॉन-वोल्ट किसका मात्रक है?
उर्जा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न(2 अंक)
1. समविभव पृष्ठ किसे कहते है?
किसी विद्युत क्षेत्र में समान विभव के बिंदुओं को मिलाने वाले काल्पनिक पृष्ठ को समविभव पृष्ठ कहते हैं। अर्थात सम विभव पृष्ठ के किन्ही दो बिंदुओं के मध्य विभवांतर शून्य होता है।
2. समविभव पृष्ठ की विशेषताएं लिखिए।
समविभव पृष्ठ को विद्युत क्षेत्र रेखाएं सदैव लंबवत काटती है।
यदि किसी आवेश को एक सम विभव पृष्ठ से किसी अन्य सम विभव पृष्ठ पर ले जाते हैं, तो कुछ कार्य करना पड़ता है जो उन दोनों प्रष्टो के साथ विभवांतर पर निर्भर करता है।
किसी सम विभव पृष्ठ पर किसी आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक चलाने में कुछ भी कार्य नहीं करना पड़ता है, क्योंकि दोनों बिंदुओं पर विभव समान होता है या विभवांतर शून्य होता है।
3. 2pF, 3pF और 4pF धारिता वाले तीन संधारित्र समान्तर क्रम) पार्श्वक्रम (में जोड़े गये हैं, संयोजन की कुल धारिता क्या होगी?
दिया हैं, C1=2pF,C2=3pFC1=2pF,C2=3pF तथा C3=4pFC3=4pF
(a) संयोजन के समांतर क्रम में कुल धारिता,
Cp=C1+C2+C3=2+3+4=9Cp=C1+C2+C3=2+3+4=9 pF
(b) माना संधारित्र C1,C2C1,C2 or C3C3 पर क्रमश: q1,q2q1,q2 व q3q3 आवेश हैं तथा प्रत्येक पर समान विभवांतर अर्थात 100 V हैं।
C1C1 पर आवेश (q1)=C1V=2×100=200pC(q1)=C1V=2×100=200pC
C2C2 पर आवेश (q2)=C2V=3×100=300pC(q2)=C2V=3×100=300pC
C3C3 पर आवेश (q3)=C3V=4×100=400pC
4. किसी चालक की धारिता को कौन.कौन से कारक प्रभावित करते है?
किसी चालक की धारिता पर निम्नलिखित कारकों का प्रभाव पडता है। -
(i) चालक का आकार - किसी चालक का आकार बढाने पर उसका विभव घटता है फलत धारिता बढती है।
(ii) किसी के पास अन्य चालको की उपस्थिति – आवेशित चालक के पास अन्य चालकों की उपस्थिति से उसका विभव घटता है। फलत उसकी धारिता बढ जाती है।
(iii) चालक के आस – पास का माध्यम – यदि चालक के आस – पास माध्यम वायु हो तथा चालक की धारिता C हो तो चालक के आस – पास K परावैघुतक का माध्यम होने पर धारिता k गुनी अर्थात kc हो जाती है।
1. दो आवेशित चालकों की धारिताएं क्रमशः C व C2 तथा विभव क्रमशः V1 व V2 हैं। इन चालकों को तार द्वारा जोड़ दिया जाता है। उन पर आवेश, उनका उभयनिष्ठ विभव तथा संयोजन में ऊर्जा हानि की गणना कीजिए।
2. किसी ऐसे समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता के लिए सूत्र ज्ञात कीजिए जिसकी प्लेटों के बीच आंशिक रूप से परावैद्युत माध्यम तथा आंशिक रूप से वायु हो।
3. सिद्ध कीजिए कि दो आवेशित चालकों को आपस में जोड़ने पर उनमें आवेशों का वितरण उनकी धारिताओं के अनुपात में होता है।
4. समान्तर क्रम/श्रेणीक्रम में जुड़े संधारित्रों की तुल्य धारिता के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए। संयोजन का चित्र बनाइये।
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